Wednesday 31 August 2016


रसोईघर घर का एक महत्वपूर्ण भाग है। वास्तु शास्त्र में भी किचन को लेकर कई टिप्स दिए गए हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोईघर को शुभ दिशा में होना चाहिए। यदि सही दिशा में नहीं है तो यह कई प्रकार की समस्या उत्पन्न कर सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोईघर को घर के पूर्व व दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए,  ये दोनों दिशाएं वायु और प्रकाश का संचालन

करती हैं। दीवारों का रंग सफेद रखना चाहिए. सफेद रंग स्वच्छता की निशानी माना जाता है।
रसोईघर में टूटे बर्तन, और शीशा नहीं रखने चाहिए। रसोई का दरवाजा जरूरत न होने पर बंद ही रखना चाहिए।

Tuesday 30 August 2016

Sunday 28 August 2016


ऑफिस के लिए वास्तु – Vastu Tips for Office

ऑफिस आपके पेशे या व्यापार के लिए सोचने, काम के क्रियान्वन, व्यापार में वृध्दि और धन सृजन की जगह है आपके कार्यालय का आकार और डिजाइन कर्मचारियों को सकारात्मक ऊर्जा देने वाला और कार्य में समृद्धि देने वाला होना चाहिए |
कार्यालय की इमारत के लिए प्लॉट चौकोर या आयताकार होना चाहिए.
ऑफिस के मुखिया या मालिक के बैठने का स्थान दक्षिण पश्चिम कोने में होना चाहिए और बैठते समय उत्तर की तरफ का सामना करना चाहिए|
आगंतुकों से मिलने के लिए कक्ष उत्तर पूर्व या उत्तर पश्चिम दिशा में बनाया जा सकता है|
वित्त विभाग के लिए दक्षिण पूर्व दिशा और बिक्री एवं मार्केटिंग की टीम के लिए कार्यालय में उत्तर पश्चिमी दिशा उत्तम हैं|
कैंटीन दक्षिण पूर्व या उत्तर पश्चिम की ओर में होना चाहिए|
शौचालय के लिए पश्चिम और उत्तर पश्चिम दिशा उपयुक्त हैं|
छत की बीम के नीचे किसी भी बैठने की व्यवस्था नहीं करनी चाहिए|
कार्यालय के केंद्रीय क्षेत्र को खाली रखा जाना चाहिए|

Friday 26 August 2016

Sunday 21 August 2016


जमीन खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

जमीन खरीदना हो तो वास्तु आधारित बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ये आपके घर को खुशहाल बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं।

1. ऐसी भूमि जिस पर जल्दी आग न जले या जलकर बुझ जाए वह कभी फलदायी नहीं मानी जाती है।

2. जो भूमि पश्चिम में ऊंची एवं पूर्व की ओर से नीची हो, वह फलदायी मानी जाती है।

3. भूमि खरीदते समय ध्यान रखें मिट्टी का रंग चाहे जैसा भी हो, लेकिन वह चिकनी होनी चाहिए।

4. भूमि की मिट्टी यदि पीली या सफेद है तो वह शुभ मानी जाती है। यदि लाल है तो मध्यम यदि काली है तो भूमि पर घर या कार्यालय नहीं बनाना चाहिए।

5. यदि भूमि को खोदने पर मिटटी में हड्डी, फटा कपड़ा मिले तो उस भूमि पर रहना शुभ नहीं होता है।

6. जिस भूमि पर पहले श्मशान आदि रहा हो तो वह भूमि अशुभ होती है।

Friday 19 August 2016


क्या घर में लगी दीवार घड़ी सही दिशा में है....?

1. घड़ी उत्तर या पूर्व की दीवार पर ही लगाएं।
2. घड़ी पश्चिम दिशा में भी लगा सकते हैं, लेकिन दक्षिण दिशा की दीवार पर घड़ी भूलकर भी  न लगाएं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि अगर आप दक्षिण की दीवार पर घड़ी लगाते हैं  तो दक्षिण दिशा से आने वाली  नकारात्मक ऊर्जा से आपके कार्य में निरंतर परेशानी आती रहेगी।
3. हमेशा घड़ी को ऐसी जगह लगाएं, जहां से वह सभी को आसानी से दिखाई दे सकें।
4. दीवार घड़ी की नियमित रूप से साफ-सफाई करते रहें।
5. ऐसी घड़ी को तुरंत बदल देना चाहिए जिसका शीशा टूटा हुआ हो, ऐसी घड़ी परिवार के सदस्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
6. अगर आपने अपने हॉल को सजाने के लिए मधुर संगीत या मधुर ध्वनियां उत्पन्न करने  वाली घड़ी पसंद की है तो ऐसी घड़ी हमेशा घर के ब्रह्मस्थान स्थित लॉबी में लगाएं। इससे  इससे आपके और परिवार के अन्य सदस्यों को भी उन्नति के  नए-नए अवसर मिलेंगे और दूसरा इससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा तथा  धीरे-धीरे घर की नेगेटिविटी दूर होगी।
7. जल्दी-जल्दी काम समाप्त करने के चक्कर में अथवा ऑफिस में समय से पहुंचने के लिए कभी भी घड़ी को तय समय से पीछे न रखें। इससे उलटा अगर आप घड़ी को सही समय से 10-15 मिनट आगे रखेंगे तो आपको वक्त के साथ चलने की सही राह मिलेगी, जो निरंतर  आपके जीवन को गति देगी और आप निरंतर उन्नति करते रहेंगे। 

Tuesday 16 August 2016


रक्षा बंधन का त्यौहार मनाने के लिए कुछ विशेष शुभ मुहूर्त

रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक होकर चारों ओर अपनी छटा को बिखेरता सा प्रतीत होता है. इतना पवित्र पर्व यदि शुभ मुहूर्त में किया जाए तो इसकी शुभता और भी अधिक बढ़ जाती है. धर्म ग्रंथों में सभी त्यौहार को मनाने के लिए कुछ विशेष समय का निर्धारण किया गया है जिन्हें शुभ मुहूर्त समय कहा जाता है, इन शुभ समय पर मनाए जाने पर त्यौहार में शुभता आती है तथा अनिष्ट का भाव भी नही रहता.\
इसी प्रकार रक्षा का बंधन के शुभ मुहूर्त का समय भी शास्त्रों में निहित है, शास्त्रों के अनुसार भद्रा समय में श्रावणी और फाल्गुणी दोनों ही नक्षत्र समय अवधि में राक्षा बंधन नहीं करना चाहिए. इस समय राखी बांधने का कार्य करना मना है मान्यता के अनुसार श्रावण नक्षत्र में राजा अथवा फाल्गुणी नक्षत्र में राखी बांधने से प्रजा का अहित होता है. इसी का कारण है कि राखी बांधते समय, समय की शुभता का विशेष रुप से ध्यान रखा जाता है.

इस वर्ष 2016 में रक्षा बंधन का त्यौहार 18 अगस्त, को मनाया जाएगा. इस वर्ष 2016 में रक्षा बंधन का त्यौहार 18 अगस्त, को मनाया जाएगा. पूर्णिमा तिथि का आरम्भ 17 अगस्त 2016 को हो जाएगा. परन्तु भद्रा व्याप्ति रहेगी. इसलिए शास्त्रानुसार यह त्यौहार 18 अगस्त को 5:55 से 14:56 या 13:42 से 14:56 तक मनाया जा सकता है.

धर्मशास्त्र के अनुसार किसी त्यौहार एवं उत्सव समय में चौघड़िए तथा ग्रहों के शुभ समय एवं अशुभ समयों को जाना जाता है. रक्षाबंधन के समय में भद्रा काल का त्याग करने की बात कही जाती है, तथा निर्दिष्ट निषेध समय दिया जाता है, अत: वह समय शुभ कार्य के लिए त्याज्य होता है. 

Monday 15 August 2016




वास्तु के अनुसार घर के लिए क्या-क्या सही है और क्या-क्या गलत


(1) ताजमहल एक मकबरा है, इसलिए न तो इसकी तस्वीर घर में लगानी चाहिए. और न हीं इसका कोई शो पीस घर में रखना चाहिए.
(2) पूजा घर उत्तर-पूर्व दिशा अर्थात ईशान कोण में बनाना सबसे अच्छा रहता है.
(3) घर के प्रवेश द्वार में ऊं या स्वस्तिक बनाएँ या उसकी थोड़ी बड़ी आकृति लगाएँ.
(4) पूजा घर से सटा हुआ या पूजा घर के ऊपर या नीचे शौचालय नहीं होना चाहिए.,पूजा घर में प्रतिमा स्थापित नहीं करनी चाहिए,छोटी मूर्तियाँ और चित्र हीं पूजा घर में लगाने चाहिए
(5) नटराज की तस्वीर या मूर्ति घर में नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि शिवजी ने विकराल रूप लिया हुआ है.
फटे हुए चित्र, या खंडित मूर्ति पूजा घर में बिल्कुल नहीं होनी चाहिए,पूजा घर और रसोई या बेडरूम एक हीं कमरे में नहीं होना चाहिए.
कमरों की खिड़कियाँ और दरवाजे उत्तर या पूर्व दिशा में खुलने चाहिए.
(6) गेस्ट रूम उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए. अगर उत्तर-पूर्व में कमरा बनाना सम्भव न हो, तो उत्तर पश्चिम दिशा दूसरा सर्वश्रेष्ठ विकल्प है.
(7)  शौचालय और स्नानघर दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना सर्वश्रेष्ठ है.
(8)  रसोई के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा सबसे अच्छी होती है.
(9)  घर की सीढ़ी ऐसी जगह पर होनी चाहिए कि घर में घूसने वाले व्यक्ति को यह सामने नजर नहीं आनी चाहिए.
(10) कमरे की लाइट्स पूर्व या उत्तर दिशा में लगी होनी चाहिए.
(11) घर का मुख्य दरवाजा दक्षिणमुखी नहीं होना चाहिए. अगर मजबूरी में दक्षिणमुखी दरवाजा बनाना पड़ गया हो, तो दरवाजे के       सामने एक बड़ा सा आईना लगा दें.
(12) शयनकक्ष में भगवान की या धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी तस्वीर नहीं लगानी चाहिए.

Friday 12 August 2016


गुडलक...वाले फेंगशुई टिप्स..


1.विंड चाइम:- विंड चाइम की आवाज ना केवल आपके घर में खुशियां लाती है बल्कि आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा भी लाता है इसलिए घर में .विंड चाइम लगाइये।



2.कछुआ: कछुआ फेंगशुई में काफी लकी माना जाता है, इसका होना ही आपकी लाइफ में खुशियां लेकर आता है।
3.क्रिस्टल बॉल: यह शिक्षा और नौकरी के लिए शुभ होता है।



4.लकी बैंबू: कहा जाता है कि बैंबू प्लांट जहां रहता है वहां एक बैलेंस वाली लाइफ रहती है इसलिए अगर आपके घर में झगड़े होते हैं या फिर ऑफिस में माहौल काफी गर्म रहता है तो तुरंत अपने घर या ऑफिस में
लकी बैंबू को जगह दी।



5. लाफिंग बुद्धा: जिस घर में लाफिंग बुद्धा की मूर्ति होती है, वहां कभी भी पैसे की कमी नहीं होती है, - लाफिंग बुद्धा का पेट हमेशा पैसे और खुशियों से भरा रहता है, अगर पैसा पाना है तो अपने घर में लाफिंग बुद्धा की मूर्ति को जरूर रखें।




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Wednesday 10 August 2016



बेड रूम के लिए उपयुक्त दिशाये:.......

मुख्य  शयन कक्ष, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता हें, घर के दक्षिण पश्चिम या उत्तर पश्चिम की ओर होना चाहिए | अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो मास्टर ऊपरी मंजिल मंजिल के दक्षिण पश्चिम कोने में होना चाहिए |

बच्चों का कमरा उत्तर – पश्चिम या पश्चिम में होना चाहिए और मेहमानों के लिए कमरा (गेस्ट बेड रूम) उत्तर पश्चिम या उत्तर – पूर्व की ओर होना चाहिए|

पूर्व दिशा में बने कमरा  का अविवाहित बच्चों या मेहमानों के सोने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है |

उत्तर – पूर्व दिशा में देवी – देवताओं का स्थान है  इसलिए इस दिशा में कोई बेडरूम नहीं  होना चाहिए | उत्तर – पूर्व में  बेडरूम होने से  धन की हानि , काम में रुकावट और बच्चों की शादी में देरी हो सकती  है |

दक्षिण – पश्चिम का बेडरूम  स्थिरता और महत्वपूर्ण मुद्दों को हिम्मत से हल करने में सहायता प्रदान करता है |

दक्षिण – पूर्व में शयन कक्ष अनिद्रा , चिंता , और वैवाहिक समस्याओं को जन्म देता है | दक्षिण पूर्व दिशा अग्नि कोण हें जो मुखरता और आक्रामक रवैये  से संबंधित  है | शर्मीले  और डरपोक बच्चे इस कमरे का उपयोग करें और विश्वास प्राप्त कर सकते हैं | आक्रामक और क्रोधी स्वभाव के  जो लोग है इस कमरे में ना रहे|

शयन कक्ष घर के मध्य भाग में नहीं होना चाहिए, घर के मध्य भाग को वास्तु में बर्हमस्थान  कहा जाता है | यह बहुत  सारी ऊर्जा को आकर्षित करता  है जोकि  आराम और नींद के लिए लिए बने शयन कक्ष के लिए उपयुक्त नहीं है |

Thursday 4 August 2016


वास्तु अनुसार लाफिंग बुद्धा एवं उसके के प्रभाव

लाफिंग बुद्धा फेंगशुई में सकरात्मक ऊर्जा लाने के लिए उपयोग होता है.
शयनकक्ष (BEDROOMS) में, भोजन कक्ष में (KITCHEN), या अन्य कमरों में बुद्धा नहीं रखना चाहिए। बिना मांगे GIFT में मिले लाफिंग बुद्धा अमूल्य और शुभ फलदायी है।
एक बुद्धा कमंडल में बैठे हुए होते है यदि आप SUDDEN PROFIT चाहते है या की ऐसा BUSINESS करते है तो ऐसे लाफिंग बुद्धा लाना चाहिए।।। इन्हे ईशान कोण में जगह दे
ऐसे लाफिंग बुद्धा को अपने घर लाएं जो सिक्कों पर बैठे हो या जिन्होंने अपने कंधो पर धन की पोटली लटकाई हो। ऐसे बुद्धा को साउथ-वेस्ट में रखा चाहिए

Wednesday 3 August 2016

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